Motivation for Mind प्रेरक कहानियां और कविताएं

किसने बांधे ये ‘अदृश्य बंधन’ ।।

पता नहीं कब कैसे, किसने बांधे ये बंधन…?? किसी ने तो बांधे होंगे, तुम्हारे और मेंरे बीच संवेदनाओं में लिपटे ‘अदृश्य बंधन‘।। हाँ शायद वे सपने ही थे….. अपने अपने मन की गीली मिटटी में उकेरे न जाने कब …. एक दुसरे की भावनाओं के हाथ थाम, वे मिला गए.

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Motivation for Mind प्रेरक कहानियां और कविताएं

खूबसूरती… आज़ रास्तें पर मुझसे यू टक़रा गई ‘खूबसूरती’ ।

आज़ रास्तें पर मुझसे यू टक़रा गई ‘खूबसूरती’ कुछ़ पतलीं सी,कुछ लचीली सीं,सरक़ते यौवन मे मस्तानीं सी, ‘वो मेरी जान’ ! ब़लखाती थी,ईतराती थी,मदमस्त हवा मे चलीं आती थीं, ‘वो मेरी जान’ ! कुछ रोक़कर उसें,यह प्रश्न पूछ ब़ैठा मैंब़ता बांवरी तेरा नाम़ क्या?वो इतराकर बोलीचल हट दीवाने तेरा क़ाम.

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